संग्रह: गोंड कला

गोंड मध्य भारत की सबसे बड़ी जनजातियों में से एक हैं। वे स्थानीय वनस्पतियों, जीवों और देवताओं जैसे मरही देवी और फुलवारी देवी (देवी काली) को चित्रित करने के लिए अपनी मिट्टी की दीवारों और घरों को रंगते या सजाते हैं। कलाकार प्राकृतिक रंग जैसे चारकोल, रंगीन मिट्टी, पौधे का रस, पत्ते और गाय का गोबर इस्तेमाल करते हैं। इस रहस्यमय और मनमोहक कला को बनाने के लिए बिंदुओं और रेखाओं का उपयोग किया जाता है। कहानी सुनाना गोंड पेंटिंग का मुख्य तत्व है। ऐसा माना जाता है कि गोंड कला की अच्छी छवि सौभाग्य लाती है।